एक समृद्ध राष्ट्र होने का मतलब यह नहीं है कि वह एक विकसित राष्ट्र भी होगा। विकसित और विकासशील देशों के बीच अंतर करना मुश्किल है लेकिन सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) किसी देश की आर्थिक स्थिति का आकलन करने के सबसे प्रसिद्ध और विश्वसनीय तरीकों में से एक है।
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विकसित और विकासशील देशों की गणना कैसे की जाती है?
जीडीपी के अलावा कई ऐसे मेट्रिक्स हैं जो देश के आर्थिक विकास की स्थिति का आकलन करने में सहायक होते हैं। विशेषज्ञ भी विभिन्न मेट्रिक्स का उपयोग करते हैं और वे अभी तक एक सुसंगत परिभाषा पर सहमत नहीं हुए हैं।
विश्व बैंक अपने माप के लिए प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI)) का उपयोग करता है और इसकी चार अलग-अलग श्रेणियां हैं:
- उच्च आय वाली अर्थव्यवस्थाएं,
- ऊपरी मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाएं,
- निम्न मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाएं और
- निम्न आय वाली अर्थव्यवस्थाएं।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), यह निर्धारित करते समय कई अलग-अलग कारकों को ध्यान में रखता है जैसे –
- कोई राष्ट्र एक उन्नत अर्थव्यवस्था है,
- एक उभरता हुआ बाजार है,
- विकासशील अर्थव्यवस्था है,
- कम आय वाला विकासशील देश है।
एक विकसित राष्ट्र क्या है?
एक विकसित देश जिसे औद्योगिक देश (Industrialized Country) भी कहा जाता है की एक परिपक्व और परिष्कृत अर्थव्यवस्था होती है, जिसे आमतौर पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और/या प्रति निवासी औसत आय द्वारा मापा जाता है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2020 में 36 देशों को विकसित देश माना गया है। जानिए दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्था वाले देशों के बारे में, जहां आपको उनकी जीडीपी के अनुसार ग्रोथ मिल जाएगी।
इनमें शामिल देश उच्च आय वाले देश होते हैं जिनके पास अच्छी तरह से विकसित औद्योगिक आधार और ढांचागत सुविधाएं होती हैं। इन देशों की आर्थिक स्थिति का आकलन घरेलू उत्पाद, प्रति व्यक्ति आय, औद्योगीकरण के स्तर, सामान्य जीवन स्तर, मौजूदा तकनीकी बुनियादी ढांचे के आधार पर किया जाता है।
एक विकासशील देश क्या है?
एक विकासशील देश तुलनात्मक रूप से कम आर्थिक उत्पादन वाला देश होता है जिसकी प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) कम होती है। ये देश प्रमुख रूप से कृषि पर आधारित होते हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2020 में 126 देशों को विकासशील माना गया है।
कम आय वाले देश, अविकसित औद्योगिक आधार, निम्न जीवन स्तर और आधुनिक तकनीक तक पहुंच की कमी को अक्सर विकासशील देशों की श्रेणी में रखा जाता है। नतीजतन, विकासशील राष्ट्र अक्सर भोजन, स्वच्छ पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, नौकरियों और आवास की कमी का अनुभव करते हैं।
मानव विकास सूचकांक (HDI) से क्या तात्पर्य है?
मानव विकास सूचकांक (HDI) किसी देश के सामाजिक और आर्थिक विकास को मापने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित एक मीट्रिक है।
यह मानव विकास के तीन बुनियादी पहलुओं: स्वास्थ्य, ज्ञान और जीवन स्तर में देश की औसत उपलब्धियों का एक सारांश है।
एचडीआई प्रत्येक आयाम के लिए एक न्यूनतम और अधिकतम सेट करता है, जिसे “गोलपोस्ट” कहा जाता है। इसे 0 और 1 के बीच के मान के रूप में व्यक्त किया जाता है।
किसी देश का मानव विकास जितना अधिक होगा, उसका HDI मान उतना ही अधिक होगा।
मानव विकास सूचकांक किसी देश के विकास को उसके सामाजिक और आर्थिक आयामों के आधार पर मापता है। यह इस तथ्य पर जोर देने के लिए बनाया गया था कि किसी देश के विकास का मूल्यांकन केवल उसके आर्थिक विकास के आधार पर नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसका मूल्यांकन उसके लोगों और उनकी क्षमताओं के आधार पर किया जाना चाहिए।
सकल घरेलु उत्पाद (GDP)
जीडीपी एक विशिष्ट समय अवधि में किसी देश की सीमाओं के भीतर उत्पादित सभी तैयार वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है।
किसी देश के सकल घरेलू उत्पाद की गणना में निम्नलिखित घटकों को शामिल किया जाता है।
- सभी निजी और सार्वजनिक उपभोग
- सरकारी आय और व्यय
- निवेश
- निर्माण लागत
- प्राइवेट इन्वेंटरी
- व्यापार का विदेशी संतुलन
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के द्वारा विश्व में स्थित सभी देशों का आकलन किया जाता है और उन्हें आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिति के अनुसार विकसित, अर्ध-विकसित, विकासशील, अर्ध-विकासशील, अविकसित और गरीब राष्ट्र की श्रेणी में डाला जाता है ताकि इनको विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक ग्रुप की तरफ से सहायता मिल सकें।
विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, डब्ल्यूएचओ जैसी कई बड़ी ऑर्गेनाइजेशन इन देशों को आर्थिक और सामाजिक स्थिति के अनुसार सहायता देती है और गरीब, अविकसित और विकासशील देशों के लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की कोशिश की जाती है।